Top treatment of piles in pregnancy Secrets
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ग्रेड I : इस अवस्था में बवासीर छोटी होती है। वे गुदा के अंदर स्थित होने के कारण दिखाई या महसूस नहीं हो सकते हैं।
बवासीर के दौरान कौन-कौन से खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए?
आहार में फाइबर की कमी, अपर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन, खराब जीवन शैली, तनाव, मल त्यागते समय तनाव, कब्ज और दस्त, लंबे समय तक लगातार बैठे या खड़े रहना, शौचालय में लंबे समय तक बैठे रहना, अनल सेक्स, लगातार भारी सामान उठाने से, मोटापे से ग्रस्त होने की वजह से आपको पाइल्स हो सकता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के समय भी पाइल्स हो सकता है। अगर इसके लक्षणों की बात की जाये तो कई बार शुरूआती दिनों में रोगी में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते परन्तु कुछ समय बाद महसूस होने लगते हैं। पाइल्स के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं-
बवासीर क्या है? - जानें लक्षण, कारण, प्रकार, इलाज और रोकथाम
बवासीर के लक्षण इसकी गंभीरता और प्रकार पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
बवासीर में गुदा के अंदर और बाहर नसें फूल जाती हैं. जब यह अंदर होती है तो इसे इंटरनल हेमोरॉयड्स कहा जाता है और जब बाहर होती है तो इसे एक्सटर्नल हेमोरॉयड्स कहा जाता है.
बादी बवासीर में पेट की समस्या अधिक रहती है। कब्ज एवं गैस की समस्या बनी ही रहती है। get more info इसके मस्सों में रक्तस्राव नहीं होता। यह मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें बार-बार खुजली एवं जलन होती है। शुरुआती अवस्था में यह तकलीफ नहीं देते, लेकिन लगातार अस्वस्थ खान-पान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इनमें खून जमा हो जाता है, और सूजन हो जाती है।
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वजन प्रबंधन : आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखने से गुदा और मलाशय में नसों पर दबाव कम करता है। इस वजह से बवासीर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
नींबू और अदरक का रस समान मात्रा में मिलाएं। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। यह आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
त्रिफला चूर्ण : यह चूर्ण पाचन में सुधार और कब्ज को कम करके बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
त्रिफला चूर्ण बवासीर के इलाज में बेहद फायदेमंद है।